1. SHREE AMARNATH [ BABA BARFANI ]
2. MATA VAISHNO DEVI
3.SHREE NAGAR [PROBABLE ]
4. ETC.[PROBABLE ]
1. FROM :- 01-07-2025 TO 11-07-2025
2. FROM :- 08-07-2025 TO 18-07-2025
3. FROM :- 10-06-2025 TO 28-06-2025
4. FROM :- 15-09-2025 TO 25-09-2025
5. FROM :- 29-07-2025 TO 08-08-2025
:- Will BE YOURS NEAREST RAILWAY STATION JUNCTION :-
TRAIN NO. 12549 DURG JAT SF EXP (12:15), RAIPUR (12:55 ), BHATAPARA (13:45), BILASPUR(15.00), PENDRA ROAD(16:40)
Deboarding Stations:- YOURS NEAREST RAILWAY STATION JUNCTION :-
TRAIN NO. 12550 JAT DURG SF EXP. PENDRA ROAD (06.00 ), BILASPUR Jn (08.00 ), BHATAPARA(08.53 ), RAIPUR Jn (09:55), DURG (11.05)
:- WILL BE YOURS NEAREST RAILWAY STATION JUNCTION :-
TRAIN NO. 12549 DURG JAT SF EX
Drop Train:- YOURS NEAREST RAILWAY STATION JUNCTION :-
TRAIN NO. 12550 JAT DURG SF EX
Sleeper Rate15500
AC2 Rate29500
AC3 Rate22500
Flight Rate42500
श्री अमरनाथ, वैष्णो देवी यात्रा 2025
🌞🌺🔱🌏🔱🌺🌞
केदार तीर्थ यात्रा आपको श्री अमरनाथ, वैष्णो देवी यात्रा के लिए विश्वसनीय,
सुव्यवस्थित और आध्यात्मिक सेवाएं प्रदान करता है।
www.kedartirthyatra.com
1. अमरनाथ यात्रा
हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है।
यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
इस गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग मौजूद होता है, जिसे भक्त भगवान शिव का प्रतीक मानते हैं।
यह शिवलिंग श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में अपने पूर्ण आकार में आता है और इसी दौरान श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए पहुँचते हैं।
अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व
1. शिव-शक्ति का पवित्र स्थल – मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य (अमरकथा) सुनाया था,
जिससे यह स्थान 'अमरनाथ' कहलाया।
2. प्राकृतिक चमत्कार – यहाँ बनने वाला बर्फ का शिवलिंग वैज्ञानिक दृष्टि से भी एक अद्भुत घटना है, जो भक्तों की आस्था को और भी बढ़ाता है।
3. मोक्ष की प्राप्ति – ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु कठिन परिस्थितियों में यह यात्रा पूरी करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4.अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह यात्रा शिवभक्तों के लिए जीवन का सबसे पवित्र अनुभव मानी जाती है, जो उन्हें भगवान शिव की कृपा और आत्मिक शांति का आभास कराती है।
2. वैष्णो देवी
वैष्णो देवी यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है। यह यात्रा माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू और कश्मीर के कटरा में स्थित
त्रिकूट पर्वत पर जाती है। यहां माता वैष्णो देवी गुफा मंदिर में श्रद्धालु माता के पवित्र पिंडियों के दर्शन करने आते हैं।
धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता वैष्णो देवी को शक्ति की अवतार माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु के भक्त
श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर माता ने इस गुफा में निवास किया। माता ने राक्षस भैरवनाथ का वध करने के बाद यहां अपनी दिव्य उपस्थिति को
स्थापित किया, और तब से यह स्थान भक्तों के लिए पवित्र तीर्थ बन गया।
मंदिर का विशेष महत्व
मंदिर में माता की तीन पवित्र पिंडियां विराजमान हैं, जिन्हें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का रूप माना जाता है
यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध है।
यात्रा मार्ग और कठिनाई
कटरा से माता के भवन तक की यात्रा लगभग 12-14 किलोमीटर की होती है। भक्त पैदल, घोड़े, पालकी या हेलीकॉप्टर से यात्रा कर सकते हैं।
रास्ते में ‘अर्धकुंवारी गुफा’ और ‘भैरव मंदिर’ भी स्थित हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
वैष्णो देवी यात्रा का अनुभव
यात्रा का आरंभ कटरा से होता है, जहां से श्रद्धालु माता का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ते हैं।
मार्ग में ‘बाणगंगा’, ‘अर्धकुंवारी गुफा’ और ‘हिमकोटी’ जैसे धार्मिक स्थल आते हैं।
भवन में माता के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु भैरव बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है
कि बिना भैरवनाथ के दर्शन किए यात्रा पूर्ण नहीं होती।
यात्रा का समय और विशेष आयोजन
वैष्णो देवी यात्रा सालभर चलती है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
इस समय विशेष पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
वैष्णो देवी यात्रा का आध्यात्मिक प्रभाव
यह यात्रा भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा, मानसिक शांति और अद्भुत सकारात्मकता प्रदान करती है। कहा जाता है कि माता के दर्शन
मात्र से ही जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
3.श्रीनगर, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर है,
जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, झीलों, बगीचों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
यह शहर झेलम नदी के किनारे बसा हुआ है और डल झील इसके सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
श्रीनगर को अक्सर "धरती का स्वर्ग" कहा जाता है, क्योंकि यह हिमालय की गोद में स्थित है और चारों ओर
बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे घाटियों और शांत वातावरण से घिरा हुआ है।
प्रमुख विशेषताएं:
1. डल झील: यह श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध झील है, जहां शिकारा (लकड़ी की नाव) की सवारी और हाउसबोट में
ठहरने का अनुभव पर्यटकों को बहुत पसंद आता है।
2. मुगल गार्डन्स: निशात बाग, शालीमार बाग और चश्मे शाही जैसे बगीचे मुगल वास्तुकला और हरियाली के शानदार नमूने हैं।
3. शंकराचार्य मंदिर: डल झील के पास एक पहाड़ी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और शहर
का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
4. हजरतबल मस्जिद: यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां पैगंबर मोहम्मद की पवित्र relik (मोई-ए-मुकद्दस) रखी हुई है।
5. बाजार और हस्तशिल्प: श्रीनगर कश्मीरी शॉल, कालीन, पेपर मेशी और केसर के लिए भी जाना जाता है। लाल चौक और
पोलो व्यू मार्केट खरीदारी के लिए लोकप्रिय हैं।
जलवायु:
श्रीनगर में गर्मियों में मौसम सुहावना रहता है (20-30°C), जबकि सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है और
बर्फबारी होती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है।
संस्कृति:
यहां की संस्कृति में कश्मीरी, मुस्लिम और हिंदू परंपराओं का मिश्रण देखने को मिलता है। कश्मीरी व्यंजन जैसे रोगन जोश,
यखनी और कहवा भी बहुत लोकप्रिय हैं।
श्रीनगर पर्यटन के साथ-साथ एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है, हालांकि यह क्षेत्र समय-समय पर राजनीतिक
अस्थिरता से भी प्रभावित रहा है। फिर भी, इसकी प्राकृतिक सुंदरता और आतिथ्य इसे एक खास गंतव्य बनाते हैं।
4.सोनमर्ग (Sonamarg)
- स्थान: सोनमर्ग श्रीनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर सिंध घाटी में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 2,800 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।
- अर्थ: सोनमर्ग का शाब्दिक अर्थ है "सोने का मैदान"। सर्दियों में बर्फ से ढक जाने और गर्मियों में
हरे-भरे घास के मैदानों के कारण इसे यह नाम मिला।
- प्राकृतिक सुंदरता: यहाँ सिंध नदी बहती है, जो चारों ओर बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है।
यह स्थान ज़ोजिला दर्रे के पास है, जो लद्दाख को कश्मीर से जोड़ता है
- ट्रेकिंग: सोनमर्ग ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग है। यहाँ से थाजीवास ग्लेशियर तक की ट्रेकिंग बहुत लोकप्रिय है।
- स्कीइंग: सर्दियों में यहाँ स्कीइंग का आनंद लिया जा सकता है।
- अमरनाथ यात्रा: सोनमर्ग अमरनाथ गुफा के लिए एक आधार शिविर के रूप में भी कार्य करता है।
- दर्शनीय स्थल: थाजीवास ग्लेशियर, बालटाल, और आसपास के पहाड़ी दृश्य यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।
- यात्रा का समय: मई से अक्टूबर तक का समय सबसे उपयुक्त है, जब मौसम सुखद होता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह क्षेत्र बंद हो सकता है
5. गुलमर्ग (Gulmarg)
- स्थान: गुलमर्ग श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित है।
यह समुद्र तल से लगभग 2,650 मीटर की ऊंचाई पर है।
- अर्थ: गुलमर्ग का अर्थ है "फूलों का मैदान"। गर्मियों में यहाँ रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, जो इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं।
- प्राकृतिक सुंदरता: यहाँ बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल और हरे-भरे ढलान पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
अफरवट पहाड़ियाँ यहाँ का मुख्य आकर्षण हैं।
- गतिविधियाँ:
- स्कीइंग: गुलमर्ग को भारत का "स्कीइंग कैपिटल" कहा जाता है। यहाँ की ढलानें विश्व प्रसिद्ध हैं,
और सर्दियों में यहाँ अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिताएँ भी होती हैं।
- गोंडोला राइड: गुलमर्ग में विश्व की सबसे ऊँची केबल कार (गोंडोला) है, जो पर्यटकों को अफरवट चोटी तक ले जाती है।
यह दो चरणों में होती है: पहला चरण कोंगडोरी तक और दूसरा अफरवट तक।
- गोल्फ: यहाँ एक खूबसूरत गोल्फ कोर्स भी है, जो गर्मियों में खुलता है।
- दर्शनीय स्थल: अल्पाथर झील (जो सर्दियों में जम जाती है), सेंट मैरी चर्च, और महारानी मंदिर यहाँ के प्रमुख स्थान हैं।
- यात्रा का समय: सर्दियों (दिसंबर से मार्च) में स्कीइंग के लिए और गर्मियों (अप्रैल से जून) में प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।
श्री अमरनाथ, वैष्णो देवी यात्रा 2025
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केदार तीर्थ यात्रा आपको श्री अमरनाथ, वैष्णो देवी यात्रा के लिए विश्वसनीय,
सुव्यवस्थित और आध्यात्मिक सेवाएं प्रदान करता है।
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1. अमरनाथ यात्रा
हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है।
यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
इस गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग मौजूद होता है, जिसे भक्त भगवान शिव का प्रतीक मानते हैं।
यह शिवलिंग श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में अपने पूर्ण आकार में आता है और इसी दौरान श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए पहुँचते हैं।
अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व
1. शिव-शक्ति का पवित्र स्थल – मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य (अमरकथा) सुनाया था,
जिससे यह स्थान 'अमरनाथ' कहलाया।
2. प्राकृतिक चमत्कार – यहाँ बनने वाला बर्फ का शिवलिंग वैज्ञानिक दृष्टि से भी एक अद्भुत घटना है, जो भक्तों की आस्था को और भी बढ़ाता है।
3. मोक्ष की प्राप्ति – ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु कठिन परिस्थितियों में यह यात्रा पूरी करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4.अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह यात्रा शिवभक्तों के लिए जीवन का सबसे पवित्र अनुभव मानी जाती है, जो उन्हें भगवान शिव की कृपा और आत्मिक शांति का आभास कराती है।
2. वैष्णो देवी
वैष्णो देवी यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है। यह यात्रा माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू और कश्मीर के कटरा में स्थित
त्रिकूट पर्वत पर जाती है। यहां माता वैष्णो देवी गुफा मंदिर में श्रद्धालु माता के पवित्र पिंडियों के दर्शन करने आते हैं।
धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता वैष्णो देवी को शक्ति की अवतार माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु के भक्त
श्रीधर की भक्ति से प्रसन्न होकर माता ने इस गुफा में निवास किया। माता ने राक्षस भैरवनाथ का वध करने के बाद यहां अपनी दिव्य उपस्थिति को
स्थापित किया, और तब से यह स्थान भक्तों के लिए पवित्र तीर्थ बन गया।
मंदिर का विशेष महत्व
मंदिर में माता की तीन पवित्र पिंडियां विराजमान हैं, जिन्हें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का रूप माना जाता है
यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध है।
यात्रा मार्ग और कठिनाई
कटरा से माता के भवन तक की यात्रा लगभग 12-14 किलोमीटर की होती है। भक्त पैदल, घोड़े, पालकी या हेलीकॉप्टर से यात्रा कर सकते हैं।
रास्ते में ‘अर्धकुंवारी गुफा’ और ‘भैरव मंदिर’ भी स्थित हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
वैष्णो देवी यात्रा का अनुभव
यात्रा का आरंभ कटरा से होता है, जहां से श्रद्धालु माता का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ते हैं।
मार्ग में ‘बाणगंगा’, ‘अर्धकुंवारी गुफा’ और ‘हिमकोटी’ जैसे धार्मिक स्थल आते हैं।
भवन में माता के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु भैरव बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है
कि बिना भैरवनाथ के दर्शन किए यात्रा पूर्ण नहीं होती।
यात्रा का समय और विशेष आयोजन
वैष्णो देवी यात्रा सालभर चलती है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
इस समय विशेष पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
वैष्णो देवी यात्रा का आध्यात्मिक प्रभाव
यह यात्रा भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा, मानसिक शांति और अद्भुत सकारात्मकता प्रदान करती है। कहा जाता है कि माता के दर्शन
मात्र से ही जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
3.श्रीनगर, भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर है,
जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, झीलों, बगीचों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
यह शहर झेलम नदी के किनारे बसा हुआ है और डल झील इसके सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
श्रीनगर को अक्सर "धरती का स्वर्ग" कहा जाता है, क्योंकि यह हिमालय की गोद में स्थित है और चारों ओर
बर्फ से ढके पहाड़ों, हरे-भरे घाटियों और शांत वातावरण से घिरा हुआ है।
प्रमुख विशेषताएं:
1. डल झील: यह श्रीनगर की सबसे प्रसिद्ध झील है, जहां शिकारा (लकड़ी की नाव) की सवारी और हाउसबोट में
ठहरने का अनुभव पर्यटकों को बहुत पसंद आता है।
2. मुगल गार्डन्स: निशात बाग, शालीमार बाग और चश्मे शाही जैसे बगीचे मुगल वास्तुकला और हरियाली के शानदार नमूने हैं।
3. शंकराचार्य मंदिर: डल झील के पास एक पहाड़ी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और शहर
का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
4. हजरतबल मस्जिद: यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां पैगंबर मोहम्मद की पवित्र relik (मोई-ए-मुकद्दस) रखी हुई है।
5. बाजार और हस्तशिल्प: श्रीनगर कश्मीरी शॉल, कालीन, पेपर मेशी और केसर के लिए भी जाना जाता है। लाल चौक और
पोलो व्यू मार्केट खरीदारी के लिए लोकप्रिय हैं।
जलवायु:
श्रीनगर में गर्मियों में मौसम सुहावना रहता है (20-30°C), जबकि सर्दियों में तापमान शून्य से नीचे चला जाता है और
बर्फबारी होती है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है।
संस्कृति:
यहां की संस्कृति में कश्मीरी, मुस्लिम और हिंदू परंपराओं का मिश्रण देखने को मिलता है। कश्मीरी व्यंजन जैसे रोगन जोश,
यखनी और कहवा भी बहुत लोकप्रिय हैं।
श्रीनगर पर्यटन के साथ-साथ एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है, हालांकि यह क्षेत्र समय-समय पर राजनीतिक
अस्थिरता से भी प्रभावित रहा है। फिर भी, इसकी प्राकृतिक सुंदरता और आतिथ्य इसे एक खास गंतव्य बनाते हैं।
4.सोनमर्ग (Sonamarg)
- स्थान: सोनमर्ग श्रीनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर सिंध घाटी में स्थित है। यह समुद्र तल से लगभग 2,800 मीटर की ऊंचाई पर बसा है।
- अर्थ: सोनमर्ग का शाब्दिक अर्थ है "सोने का मैदान"। सर्दियों में बर्फ से ढक जाने और गर्मियों में
हरे-भरे घास के मैदानों के कारण इसे यह नाम मिला।
- प्राकृतिक सुंदरता: यहाँ सिंध नदी बहती है, जो चारों ओर बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है।
यह स्थान ज़ोजिला दर्रे के पास है, जो लद्दाख को कश्मीर से जोड़ता है
- ट्रेकिंग: सोनमर्ग ट्रेकर्स के लिए स्वर्ग है। यहाँ से थाजीवास ग्लेशियर तक की ट्रेकिंग बहुत लोकप्रिय है।
- स्कीइंग: सर्दियों में यहाँ स्कीइंग का आनंद लिया जा सकता है।
- अमरनाथ यात्रा: सोनमर्ग अमरनाथ गुफा के लिए एक आधार शिविर के रूप में भी कार्य करता है।
- दर्शनीय स्थल: थाजीवास ग्लेशियर, बालटाल, और आसपास के पहाड़ी दृश्य यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।
- यात्रा का समय: मई से अक्टूबर तक का समय सबसे उपयुक्त है, जब मौसम सुखद होता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह क्षेत्र बंद हो सकता है
5. गुलमर्ग (Gulmarg)
- स्थान: गुलमर्ग श्रीनगर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित है।
यह समुद्र तल से लगभग 2,650 मीटर की ऊंचाई पर है।
- अर्थ: गुलमर्ग का अर्थ है "फूलों का मैदान"। गर्मियों में यहाँ रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, जो इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं।
- प्राकृतिक सुंदरता: यहाँ बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल और हरे-भरे ढलान पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
अफरवट पहाड़ियाँ यहाँ का मुख्य आकर्षण हैं।
- गतिविधियाँ:
- स्कीइंग: गुलमर्ग को भारत का "स्कीइंग कैपिटल" कहा जाता है। यहाँ की ढलानें विश्व प्रसिद्ध हैं,
और सर्दियों में यहाँ अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिताएँ भी होती हैं।
- गोंडोला राइड: गुलमर्ग में विश्व की सबसे ऊँची केबल कार (गोंडोला) है, जो पर्यटकों को अफरवट चोटी तक ले जाती है।
यह दो चरणों में होती है: पहला चरण कोंगडोरी तक और दूसरा अफरवट तक।
- गोल्फ: यहाँ एक खूबसूरत गोल्फ कोर्स भी है, जो गर्मियों में खुलता है।
- दर्शनीय स्थल: अल्पाथर झील (जो सर्दियों में जम जाती है), सेंट मैरी चर्च, और महारानी मंदिर यहाँ के प्रमुख स्थान हैं।
- यात्रा का समय: सर्दियों (दिसंबर से मार्च) में स्कीइंग के लिए और गर्मियों (अप्रैल से जून) में प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।
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🍁 नियम एवं शर्ते🍁:-
1. अपना यात्रा कन्फर्म करने हेतु 5000 रु.स्टैण्डर्ड / 10,000 ₹ डीलक्स या 25% सहयोग राशि जमा करवाना अनिवार्य है
और बाकी शेष राशि यात्रा से 30 दिन पूर्व श्री केदार तीर्थ यात्रा सेवा समिति आपने जिस संस्था में बुकिंग करायी है उस कार्यालय
संस्था में पूर्ण राशि जमा करवाना अनिवार्य होगा अन्यथा आपकी यात्रा निरस्त कर दी जायेगी।
2. यात्रा दिनांक के 2 से 5 दिन पूर्व संपूर्ण जानकारी संस्था से ले लेंगे अन्यथा इसकी जवाबदारी संस्था की नहीं रहेगी।
3. मैं अपनी स्वयं की इच्छा से बिना किसी दबाव एवं अपने पूर्ण होशो हवास के साथ श्री केदार तीर्थ यात्रा सेवा समिति
इंडियन कॉफी हाउस के बगल में, टी. पी. नगर,कोरबा, छत्तीसगढ़ पिन नंबर :- 495677
के साथ यात्रा कर रहा/ रही हूँ।
4.एक माह पूर्व यात्रा निरस्त करने पर यात्रा की पूर्ण राशि का निरस्तीकरण प्रभार 10% लगेगा, यात्रा दिनांक के
15% दिन पूर्व 50% एवं 7 दिन पूर्व 75% पूर्ण राशि में काटौती होगी व यात्रा दिनांक 2 दिन पूर्व राशि वापस नहीं हो पायेगी।
वह राशि अगली यात्रा में स्थानांतरित हो जायेगी।
5. यात्रा के दौरान भोजन की व्यवस्था ट्रेन में की गई हैं। ट्रेन से बाहर यात्रा के दौरान जब कभी आप दर्शनीय स्थल पर रहेंगे
आपकी भोजन की व्यवस्था स्वयं की रहेगी।
6. 1 या 2 माह पूर्व कोई भी यात्रा की बुकिंग कराते है और किसी कारण वश आप यात्रा में नहीं जा पा रहे है।
यदि आप दूसरे यात्रा में जाना चाहते हैं है / इच्छूक है तो उसकी जानकारी आपको समिति को पूर्व देनी रहेगी।
7. यात्रा करते समय आपकी अपनी ऑरिजनल आई डी. कार्ड जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, व्होटर आई डी कार्ड आदि रखना अनिर्वाय है।
अगर आप अपनी ऑरिजन्ल आई डी. कार्ड नहीं रखते है, सफर के दौरान टी.टी.ई आपको फाईन कर सकता है, ट्रेन से बाहर उतार सकता है।
इसकी पूर्ण जवाबदारी आपकी रहेगी।
8 यात्रा में सीनियर सिटीजन को पहली प्राथमिक्ता दी जावेगी। चाहे वो ट्रेन हो, बस हो या होटल / धर्मशाला हो ।
9. अ) 3 से 8 वर्ष की उम्र में बच्चों का सहयोग राशि 50% जो कुल राशि से देना होगा तथा शयन वर्थ आबंटित नहीं की जावेगी।
वरिष्ठ यात्रियों को पूर्ण सहयोग राशि देना होगा।
ब) 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों का आयु के प्रमाण पत्र के फोटो जमा करना अनिवार्य है अन्यथा पूरा टिकट लगेगा।
10. जिस यात्री का आरक्षण होगा वही यात्री यात्रा कर सकता है। उसके स्थान पर कोई भी दूसरा व्यक्ति यात्रा नहीं कर सकता यात्रा पूर्णतः पूर्व निर्धारित रहेगी 1.
यात्रा के दौरान मांस, मंदिरा, धूम्रपान का सेवन पूर्णतः प्रतिबंधित है। उपरोक्त वस्तुओं का सेवन करते पाये जाने पर आपकी यात्रा वहीं निरस्त कर दी जावेगी।
12. सभी यात्री अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा जान माल की हिफाजत के लिये स्वयं जिम्मेदार रहेंगे, यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आकस्मिक
दुर्घटना या नुकसान के लिए समिति जिम्मेदार नहीं होगी।
13. अपरिहार्य कारणों से यात्रा कार्यक्रम में परिवर्तन किया जा सकता है। उसमें आपको सहयोग प्रदान करना रहेगा।
14. टी बी शुगर ब्लडप्रेशर हदय रोग या अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अकेले सफर न करें। साधारणत, अपनी दवाईयों साथ रखें।
बीच में किसी भी प्रकार कि (स्वास्थ्य सबंधी) समस्या आने पर समिति की जवाबदारी नहीं रहेगी इसके लिये आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
यात्रा में सम्मिलित होने के पूर्व स्वास्थ्य संबंधी चेकअप डॉक्टर से अवश्य करा लेवें ये आपकी स्वंय की जवाबदारी रहेगी।
15. 60 से अधिक आयु के यात्री के साथ पारिवारिक यात्री सदस्य का होना अनिवार्य है। यात्रा करते समय आप चाहे तो यात्रा बीमा करवा सकते है।
उसकी राशि आपको स्वंय को वहन करनी होगी।
16. किसी भी प्रकार की विवादपूर्ण परिस्थितियों में हमें आप का सहयोग चाहिये और जो निर्णय समिति लेगी वह अंतिम व सर्वमान्य होगा।
17. समिति द्वारा दी गई समय सारिणी के 1 घंटा पूर्व आपको रेल्वे स्टेशन में उपलब्ध रहकर अपनी उपस्थिति अपने कोच प्रभारी को देना होगा।
अन्यथा समिति इसकी जिम्मेदार नहीं रहेगीं यदि स्टेशन से ट्रेन छूट जाती है, तो अगले स्टेशन में यात्री अपने सुविधानुसार यात्रा में शामिल हो सकता है।
यदि ऐसा नहीं हो सकता है लो समिति इसकी जिम्मेदार नहीं रहेगी। 18. यह ट्रेन आपकी है कृपया करके हमें सहयोग प्रदान करें। आप जो
समिति का राशि दे रहें है। उसके एवज में आपको ट्रेन भोजन की व्यवस्था बस की व्यवस्था व आपकी
सेवा समिति दे रहीं है कृपया करके आप भी हमें सहयोग प्रदान करें। 19. यात्रियों से अनुरोध है कि यात्रा के दौरान शांति सौहाद्रपूर्ण एवं भक्तिमय,
भाई चारा वातावरण निर्मित कर यात्रा करें। जिससे यात्रा आनंदमय हो और आप आनंदित रहे।
20 रेल्वे प्रबंधन द्वारा हमारी समिति को 2 घंटे पूर्व ही यात्रा ट्रेन हमें प्रदान करती है जिससे हमारे समिति को ट्रेन में बिजली व पंखें पानी की स्थिति से हमें अनभिज्ञ रहते हैं
अतः यात्रा के दौरान कोई समस्या आती है तो कृपया संयम से काम लेवें इसमें समिति की किसी प्रकार की गलती नहीं रहती।
आपका समस्या का समाधान जल्द समिति द्वारा पूर्ण प्रयास किया जायेगा।
21. सभी श्रद्धालुओं को ट्रेन में बैठने के पश्चात् ही चाय नाश्ते की व्यवस्था करायी जावेगी।
22. यात्रा के दौरान ट्रेन में वैष्णव भोजन की व्यवस्था रहती है।
23. सभी यात्री को बैच रखना अनिवार्य है बैच गुमने पर संस्था से 200 रुपयें दूसरा बैच बनवा लें।
अन्यथा चेकिंग के दौरान बैच नहीं मिलने पर 300 रुपये समिति द्वारा
जुर्माना लिया जावेगा।
24. सभी भक्तजनों को हमारी समिति द्वारा सूचित किया जाता है कि भगवान के दर्शन के समय पूरा ध्यान केवल भगवान के श्री विग्रह (मूर्ति) पर ही लगायें।
जिससे दर्शन हो इसमें समिति की जवाबदारी नहीं रहेगी।
25. श्री केदार तीर्थ यात्रा सेवा समिति कोरबा जानकारी हमें विज्ञापन व इष्ट मित्रों परिवार के सदस्य अन्य व्यक्ति के माध्यम से प्राप्त हुआ है,
अन्य यात्रा सेवा समिति इसमें किसी भी प्रकार से दावा आपत्ति नहीं कर सकती है।
26. यदि किसी भी यात्री द्वारा चेन पुलिंग किया जाता है तो आर'पी' एफ' द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही उस यात्री पर करता है तो उसमें
समिति की जवाबदारी नहीं रहेगी कृपया करके इन सावधानियों को ध्यान देवें।
27. समिति 2 या 3 कि. मी. की दूरी के धर्मशाला या मंदिर में रहनें पर वाहनों की व्यवस्था नहीं करेगी। आप अपने स्वयं की व्यवस्था से
मंदिर दर्शन करेंगे व स्टेशन धर्मशाला पहुंचेंगे। समिति के सदस्य मंदिर तक आपके साथ में रहेंगे।
28. समिति ट्रेन व स्टेशनों (तीर्थ स्थलों) को बदल सकती है किसी भी कारण वश आप उसके लिये दावा आपत्ति नहीं कर सकतें ।
29. समिति द्वारा आप सभी भक्तजनों को मंदिर द्वारा या तीर्थ स्थल तक ले जाया जावेगा। किसी कारणवश कोई भक्तजन दशर्न से वंचित रहते है तो
समिति इसके लिये जवाबदार नहीं रहेगी !
30. यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदा, रोड का बंद हो जाना, ट्रेन कैसिल, राजनितिक व प्रसाशनिक कारणों से यात्रा अवरूध हो जाती है
उस परिस्थिती में यात्रीगण अपने होटल, लॉज और खाने में जो व्यय होगा उन्हे स्वयं करना होगा। यात्रा की अवधि या ट्रेन कैंसल की स्थिति में
अतिरिक्त राशि आप से ली जा सकती है। जब यह समस्या निर्मीत होगी ।
31. समिति स्पेशल ट्रेन / कोच के लिये रेलवे में आवेदन करती है। परन्तु किसी कारण वश रेलवे स्पेशल ट्रेन / कोच उपलब्ध नही करापाती है तो उस स्थिति अनुसार आपको रिजर्वेशन कोच में यात्रा करनी रहेगी। आप सहमति पर ही बुकिंग करायें ।
उपरोक्त नियम व शर्तों से मैं पूर्णता सहमत हूँ।
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𝐊𝐄𝐃𝐀𝐑𝐍𝐀𝐓𝐇 𝐈𝐒 𝐓𝐑𝐔𝐋𝐄𝐘 𝐇𝐄𝐀𝐕𝐄𝐍.
𝐕𝐈𝐒𝐈𝐓 𝐊𝐄𝐃𝐀𝐑𝐍𝐀𝐓𝐇 𝐀𝐓 𝐋𝐄𝐀𝐒𝐓 𝐎𝐍𝐂𝐄 𝐈𝐍 𝐘𝐎𝐔𝐑 𝐋𝐈𝐅𝐄𝐓𝐈𝐌𝐄.
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𝗜𝗡𝗗𝗜𝗔𝗡 𝗖𝗢𝗙𝗙𝗘𝗘 𝗛𝗢𝗨𝗦𝗘 𝗕𝗘𝗦𝗜𝗗𝗘
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𝗣𝗜𝗡 𝗖𝗢𝗗𝗘 :-
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